विधायक वीरेंद्र जाती की विधानसभा में जनता त्रस्त विधायक मस्त

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रुड़की (देशराज पाल/राजपाल)। विधायक वीरेंद्र जाती की विधानसभा में जनता त्रस्त है और विधायक का पता नहीं कहां मस्त है। जी हां यह बात इसलिए सही साबित हो रही है क्योंकि उनकी विधानसभा में स्थित एक फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाएं अपनी मांगों को लेकर पिछले लगभग 10 दिनों से फैक्ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन कर रही है लेकिन शायद अभी तक विधायक के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंच पाई है। इसे इन महिलाओं का दुर्भाग्य कहे या सौभाग्य कि उनकी विधानसभा के विधायक होते हुए भी वह धरने पर बैठने को मजबूर है।
गौरतलब है कि लाट्ठरदेवा हूण में स्थित एक फार्मा कंपनी में काम करने वाली दर्जनों से ज्यादा महिलाएं कंपनी पर शोषण का आरोप लगाते हुए कंपनी के बाहर पिछले लगभग 10 दिनों से धरना प्रदर्शन करने को बैठने को मजबूर है। महिला कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी कंपनी स्वामी का उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महिला कर्मियों का कहना है कि कंपनी में उन्हें मात्र 6500 महीना दिया जाता है जो की गलत है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा उन्हें इएसआई और इपीएफ भी नहीं दिया जाता। इतना ही नहीं कंपनी में ड्यूटी के दौरान मात्र उन्हें तीन बार ही शौचालय जाने दिया जाता है और उसमें भी 1 मिनट का समय मिलता है। अवकाश, आपातकाल अवकाश, घोषित अवकाश का पैसा भी वेतन में काट कर दिया जाता है। कंपनी में कोई ना तो कैंटीन है और ना ही मेडिकल की कोई सुविधा है। उन्होंने बताया कंपनी में लगभग 100 से ज्यादा कर्मचारी है जिनमें से 70 महिला कर्मचारी है। धरने पर बैठी महिलाओं ने मांग की है कि उन्हें 12500 रुपए वेतन हर महीने दिया जाए। इपीएफ और इएसआई की सुविधा उन्हें मिले। उन्हें हर माह की 7 तारीख को वेतन दिया जाए। आपातकालीन गेट पास/अवकाश का बिना वेतन काटे उन्हें वेतन दिया जाए। अब तक की वेतन कटौती की रकम उन्हें पूरी वापस की जाए। कंपनी में 8 घंटे से ज्यादा ओवर टाइम दो गुना दिया जाए, निकाले गए श्रमिकों को वापस कंपनी में रखा जाए, सभी श्रमिक कंपनी की ओर से कार्यरत रहेंगे, श्रमिक कानून के तहत निरंतर वेतन में वृद्धि किया जाए से संबंधित आदि मांगों को लेकर पीड़ित महिलाएं धरना प्रदर्शन पर बैठने को मजबूर है। 10 दिनों का समय गुजर गया है लेकिन विधायक ने एक बार भी आकर उनकी कोई सूध नहीं ली है जिसके चलते क्षेत्र के लोगों में ही नहीं महिला कर्मचारियों में भी विधायक के प्रति रोष उत्पन्न हो रहा है। धरना प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में अनीता, सरिता, सोनिया, सविता, रितेश कुमार, मनोज, मंजू, अनीता, संगीता, रूबी, राजकुमारी, रूबी, साक्षी, शिवानी, मीनू, मंजू, लक्ष्मी, शमां, कविता, कमलेश, वर्षा, रीता, रेखा, सरोज, रानी, हेमलता, संतलेश, अंजेश, वसीम, संदीपा, लील्लो, रविता, राजकली, मधुबाला, रविता, मंजू, सोनम, पूनम, मनीषा, लक्ष्मी, पूजा, रजनी आदि महिलाएं शामिल रही।