आईना दिखाया तो बौखलाए निर्वाचन अधिकारी, मीडिया से बनाई दूरी

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रुड़की/मंगलौर (देशराज पाल/राजपाल)। लिब्बरहेडी सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड मंगलौर मैं चुनाव प्रक्रिया चल रही है। समिति के चुनाव में शुरू से ही निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाते आए हैं। इन आरोपों को और मजबूती तब मिल जाती है जब खुद निर्वाचन अधिकारी चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देने से मीडिया से कतराते हैं। जी हां बुधवार को समिति के मुख्यालय में निर्वाचन अधिकारी आपत्तियों पर सुनवाई कर उनका निस्तारण कर रहे थे। लेकिन इसकी जानकारी मीडिया को वह सही ढंग से नहीं दे पाए या देने में असहज रहे। अब मीडिया को वह जानकारी क्यों नहीं दे पा रहे ऐसा उन्हें कौन सा डर सता रहा है यह तो वही जाने। लेकिन जब खबर छपती है और चर्चा का विषय बनती है तो इस पर सवाल खड़ा होना लाजमी होता है।
आपको बता दें लिब्बरहेडी सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड मंगलौर के मुख्यालय में समिति का चुनाव चल रहा है। चुनाव को लेकर किसानों में जहां भारी उत्साह देखा जा रहा है तो वही चुनाव की कमान संभालने वाले निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ किसानों में शुरू से ही रोग उत्पन्न भी हो रहा है। समिति में 118 डेलिगेट्स के पद है और 46 डेलिगेट्स चुनाव जीत कर आए और 72 मिलीभगत से निर्विरोध डेलीगेट्स चुने गए। इतना ही नहीं फिर अचानक नारसन कला निर्वाचन क्षेत्र से 6 डेलीगेट्स, शेरपुर खेलमऊ से 3, मोहम्मदपुर जट से 4, कुमराडी 4 , लिब्बरहेडी से 3, मुंडलाना से 5, अकबरपुर ढांढेकी से 7 यानि कुल 22 डेलीगेट्स को नामित किया गया। इन नामित डेलीगेट्स पर भी किसानों ने अपना एतराज जताया और आरोप लगाया कि यह तो किसान भी नहीं हैं और इनका कृषक कोड भी नहीं है। इसका भी निर्वाचन अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अब बात करें आपत्ति की तो आपको पता दे कि बुधवार को समिति के मुख्यालय में कुल 6 आपत्ति आई। आपत्तिकर्ता अमित पुत्र नरसिंह, अमित कुमार पुत्र ओमप्रकाश, सुभाषचंद्र पुत्र घासीराम, जयकुमार पुत्र समय सिंह, अनुज सिंह पुत्र विश्वास सिंह, भारतवीर पुत्र धर्मवीर सिंह आपत्ति दर्ज कराई। बताया गया है कि इनकी आपत्तियों को सुना गया और मौके ही निस्तारण कर दिया गया। लेकिन इनकी क्या आपत्तियां थी और क्या निस्तारण किया गया इसकी जानकारी निर्वाचन अधिकारी मीडिया को नहीं दे पाए। मीडिया कर्मी ने जब उनसे सवाल किया तो उन्होंने बताया कि वह इतनी बारीकी से जानकारी नहीं दे पाएंगे जबकि इसमें बारीकी वाला कोई सवाल ही नहीं था लेकिन इसके बावजूद भी निर्वाचन अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए।