वित्तीय चुनौतियों को लेकर उत्तराखंड जागरूक और सही दिशा में कर रहा काम:पनगढ़िया

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देहरादून (देशराज पाल)। उत्तराखंड दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के वित्तीय प्रबंधन की सराहना की है। आयोग अध्यक्ष डा अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी विकासशील राज्य में यदि संतुलित राजकोषीय घाटा है, तो यह बुरी स्थिति नहीं है। हां, यह घाटा ज्यादा ना होने पाए, इसका ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा-वित्तीय चुनौतियों को लेकर उत्तराखंड जागरूक है और सही तरीके से काम कर रहा है। उन्होंने कहा राज्य अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसमें बढ़ोत्तरी की पूरी संभावना है।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में डा. पनगढ़िया ने कहा कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय अच्छी है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसको और बढ़ाया जा सकता है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखण्ड ने अन्य क्षेत्रों की भांति वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य स्थापना के पश्चात राज्य के आधारभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए बाह्य ऋणों पर निर्भर रहना पड़ा। राज्य ने जहां एक ओर विकास के विभिन्न मानकों के आधार पर उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं, वहीं बजट का आकार एक लाख करोड़ रूपए को पार कर गया है। नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 की एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में उत्तराखंड सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले राज्यों में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में 11.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार और राज्यों के मध्य बेहतर वित्तीय समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित विशिष्ट बैठक में उपस्थित वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, आयोग के सदस्यगणों ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डा. मनोज पाण्डा, डा. सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पाण्डेय, संयुक्त सचिव के. के. मिश्रा का उत्तराखंड राज्य स्थापना के इस रजत जयंती वर्ष में देवभूमि उत्तराखंड पधारने पर स्वागत किया।