मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना को मिलीभगत कर पलीता लगा रहे विद्युत विभाग के अधिकारी

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रुड़की (Uday Khabar)। लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए जहां केंद्र और राज्य सरकार एक से एक नई कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है तो वहीं कुछ विभाग के अधिकारी मिली भगत कर इन योजनाओं को पलीता लगाने का काम रहे हैं। विभाग के अधिकारियों के ढुलमुल रवैया का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां विद्युत विभागीय अधिकारी द्वारा एक ग्रामीण का मुख्यमंत्री स्वरोजगार सोलर योजना का प्लांट लगने के बावजूद कनेक्शन चालू नहीं किया गया है जिसके चलते ग्रामीण रोज-रोज अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित अशोक कुमार पुत्र घमंडी सिंह निवासी भलस्वागाज भगवानपुर ने एक शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसने व परिवार के घार लोगों ने जिन में कुल पांच लोग थे ने मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार के तहत सोलर प्लांट लगवाया था। ग्रामीण ने बताया यह योजना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में चलाई हुई है और इसी योजना का लाभ उठाने के लिए उसने 200 किलोवाट का सोलर प्लांट अपने खेत में लगवाया था। पीड़ित का आरोप है कि परिवार के चार लोगों के प्लांट के कनेक्शन तो चालू कर दिए गए लेकिन उसका कनेक्शन आज तक भी नहीं जोड़ा गया है। कनेक्शन न जोड़े जाने को लेकर पीड़ित पिछले काफी समय से विद्युत विभाग के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई भी अधिकारी उसकी सुनने को तैयार नहीं है। पीड़ित का कहना है कि उधर उसने योजना के लिए जो बैंक से लोन लिया था उसकी किस्त भी चालू हो गई है। जब ग्रामीण का कनेक्शन ही चालू नहीं हो पाया तो वह किस्त कहां से भरेगा। पीड़ित ग्रामीण का आरोप है कि उसके सामने अब भूखे मरने की नौबत आ रही है। पीड़ित ने विद्युत अधिकारियों को चेतावनी दी है कि जल्द ही यदि उसका कनेक्शन जोड़ा नहीं गया तो वह अपनी बीवी और बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर विभागीय अधिकारियों के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेगा जिसकी जिम्मेदारी खुद विद्युत विभाग की होगी। इतना ही नहीं ग्रामीण को परेशान देख अन्य गांव के लोगों का भी कहना है कि यदि इसी तरह योजना का लाभ ग्रामीण को ही नहीं मिल पा रहा तो फिर अन्य लोगों को कैसे मिलेगा। ऐसे में तो केंद्र हो या राज्य सरकार उनकी कल्याणकारी योजनाओं को खुद अधिकारी ही पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। इसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है।