योग से दूर होते है मानसिक और शारीरिक विकार:स्वामी चिदानंद सरस्वती

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ऋषिकेश (देशराज पाल)। इंटरनेशनल यूनिवर्सल हेल्थ कवरिज डे पर गुरुवार को परमार्थ निकेतन में विभिन्न देशों से आये लोगों ने योग की महत्ता जानी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग, ध्यान, प्राणायाम को अपनी दैनिक जीवनशैली में शामिल कर हम समग्र स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने समग्र स्वास्थ्य को आत्मसात करने का संदेश दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सभी को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। स्वास्थ्य ही धन है और एक स्वस्थ जनसंख्या एक समृद्ध अर्थव्यवस्था की नींव है। इसलिये हर किसी को एक स्वस्थ जीवन जीने का अवसर प्राप्त होना जरूरी है। स्वामी चिदानंद ने कहा कि हमें एक समग्र जीवनशैली को बढ़ावा देना होगा, जिसमें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य कल्याण शामिल हो। योग, ध्यान, प्राणायाम, उचित आहार, पर्याप्त नींद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति जैसे आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। इस तरह के समग्र स्वास्थ्य मॉडल न केवल चिकित्सा प्रणालियों पर दबाव कम करते हैं, बल्कि व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए भी सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने योग और आयुर्वेद के रूप में एक मूल्यवान मॉडल प्रस्तुत किया है। जो आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिये उपयुक्त है। नियमित योगाभ्यास से तनाव कम होता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है। योग के माध्यम से हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। आजकल मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं बढ़ रही है। योग व ध्यान चिंता, अवसाद और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिसका सीधा प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्राणायाम, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे ऊर्जा स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है यह समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान विदेश से आये लोगों ने अपने सवाल भी किये।