February 10, 2025

गोवर्धन पूजा का पर्व मनाने के पीछे कई पौराणिक कहानियां

0
Getting your Trinity Audio player ready...

दिवाली के अगले दिन यानी की कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार 02 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा का पर्व मनाने के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस पर्व से जुड़े रीति-रिवाज और मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान कृष्ण ने मूसलाधार वर्षा से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक अपनी सबसे छोटी अंगुली पर उठाए ऱखा। तब से गोवर्धन पर्वत पूजने की परंपरा की शुरूआत हुई। इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। बता दें कि गुर्जर समाज में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। गुर्जर समुदाय के लोग आज भी अपने घरों में गोवर्धन महाराज को विराजमान करते हैं। वहीं शाम के समय गोवर्धन महाराज की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा की थाली में हल्दी, कुमकुम, खील-बताशे पूआ-पूड़ी और अन्य कई तरह के पकवान रखे जाते हैं। इसके साथ ही गोवर्धन के पास दूध बिलोने वाली रई और लठ भी रखा जाता है। इसके बाद मंत्रोच्चार कर शुभ फल की कामना की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *