February 14, 2025

दर्शन कर मंदिर से बाहर जाने के दौरान नहीं बजनी चाहिए घंटी

0
Getting your Trinity Audio player ready...

बहुत सारे लोग मंदिर से निकलने के दौरान घंटी बजाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर से निकलने के दौरान घंटी बजाना पूर्ण रूप से गलत माना गया है। ऐसे में आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं।

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और अनुष्ठान आदि को लेकर तमाम सारी मान्यताएं हैं, इन मान्यताओं को लोग आज भी मानते हैं। इन्हीं रीति-रिवाजों में से एक नियम मंदिर की घंटी बजाना है। अक्सर हम सभी मंदिर में पूजा करने के दौरान घंटी बजाते हैं या मंदिर में प्रवेश करने के दौरान घंटी बजाते हैं। तो वहीं बहुत सारे लोग मंदिर से निकलने के दौरान भी घंटी बजाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर से निकलने के दौरान घंटी बजाना पूर्ण रूप से गलत माना गया है।
आपने भी मंदिर में घंटी जरूर देखी होगी। बता दें कि हिंदू संस्कृति में मंदिर की घंटियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। फिर चाहे वह मंदिर की घंटी हो या किसी पूजा या अनुष्ठान में हो। धार्मिक मान्यता के अनुसार, किसी भी शुभ व धार्मिक कार्य की शुरूआत में घंटी बजाई जाती है। बताया जाता है कि घंटी को बजाने से ऊँ मंत्र का पूरा उच्चारण होता है। जो आपके दिल और दिमाग को शुभता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। वहीं यह अनुष्ठान और मूर्तियों की चेतना को जागृत करता है और व्यक्ति के भक्ति के प्रभाव को बढ़ाता है। इसलिए लंबे समय से इस परंपरा का पालन किया जा रहा है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक मंदिर जाने के दौरान हमारे मन में कई तरह के विचार उत्पन्न होते हैं। यह विचार अच्छे और बुरे दोनों तरह के होते हैं। माना जाता है मंदिर जाने पर जब हम घंटी बजाते हैं, तो हमारे मन में उत्पन्न सभी तरह के निगेटिव विचार और ऊर्जा नष्ट हो जाती है। वहीं मंदिर में देवी-देवताओं के दर्शन के बाद मन में अच्छी ऊर्जा और विचार आने लगते हैं। ऐसे में मंदिर से निकलने के दौरान घंटी बजाने से दिव्य ऊर्जा भ्रमित होकर नष्ट हो जाती है। इसलिए कहा जाता है कि पॉजिटिव एनर्जी को अपने अंदर बनाए रखने के लिए मंदिर से बाहर निकलने के दौरान घंटी नहीं बजाई जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *