February 10, 2025

राम के राज्याभिषेक की घोषणा कुछ ही समय में राम वनवास से बदली

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रुड़की (देशराज पाल)। प्रभु राम के राज्याभिषेक की घोषणा कुछ ही समय में राम बनवास से बदली परिस्थितियों में दशरथ का दारुण रुदन दर्शकों की आंखें हुई नम।
देवभूमि श्रीराम धार्मिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट रजिस्टर्ड रुड़की के तत्वाधान में अशोकनगर पानी की टंकी के पास रामलीला के सजीव अभिनय दर्शन के चौथे दिन की लीला का शुभारंभ, लक्ष्मी आर्ट ज्वैलर्स, सुरेंद्र पाल, पवन कुमार राजन सेठी समाजसेवी महावीर एनक्लेव गणेशपुर, एडवोकेट संजीव वर्मा भावी मेयर प्रत्याशी नगर निगम रुड़की, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत ढंडेरा संजय रावत, वरिष्ठ समाजसेवी महावीर प्रसाद चौधरी एवं प्रवीण चौधरी भावी नगर पंचायत चेयरमैन प्रत्याशी सुरेश बैटरी वाले, शिवाजी कॉलोनी अध्यक्षा नंदा ऐरी तथा वीना कन्याल ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। जैसे ही राम बारात मिथिलापुरी पहुंचती है, राजा जनक और उनकी अर्धांगिनी (दिगंबर सिंह नेगी और सुनीता कुमाई) अपनी कन्या सीता (मनीषा) की विदाई करते हुये रो रो कर भावुक हो जाते हैं जिससे दर्शकों का मन बैठ जाता है और रुदुण हो जाता है। अयोध्या में राजा दशरथ (जगदीश नेगी) प्रभु राम के राज्याभिषेक की घोषणा करते हैं। चारों ओर हर्ष का वातावरण है। परंतु जैसे ही मंथरा (पवित्री रावत) को राम के राज्याभिषेक के बारे में पता चलता है तो वह कैकई की वफादार दासी होने के नाते कैकई (रितु लखेड़ा) को राजा दशरथ के द्वारा दिए गए दो वरो को याद दिलाते हुए उन्हें राजा से मांगने के लिए कहती है। कैकई कोप भवन में जाती है जहां राजा दशरथ उसके दुखी होने का कारण पूछते हैं, इस पर वह राजा से उनके द्वारा दिए गए दो वचनों को निभाने और उन्हें पूरा करने का वचन मांगती है। राजा सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। और उससे दोनों वचन मांगने को कहते हैं की केकैई एकवचन से भारत को राज गद्दी तथा दूसरे वचन से राम को 14 वर्ष का वनवास मांगती है जिसे सुनकर राजा दशरथ व्यथित, विचलित और विक्षिप्त हो जाते हैं। यह दारुण दृश्य देख जनता की आंखें नम हो जाती हैं। प्रभु राम को जब इस बात का पता चलता है तो वह सहर्ष अपने पिता के वचन के अनुसार वन को जाने को तैयार हो जाते हैं सीता भी वन जाने की जिद करती है जिसे अंततः राम स्वीकार कर लेते हैं इसी के साथ चतुर्थ दिवस की लीला का पटाक्षेप हो जाता है।आज की लीला में संरक्षक राजेंद्र सिंह रावत , अध्यक्ष अर्जुन सिंह तड़ियाल, सहसंयोजक सतीश नेगी उढ्घोषक सुदर्शन डोबरियाल, निर्देशक व संगीतकार बलवीर सिंह रावत, संस्कृतिक मंत्री हेमंत बडथ्वाल, मंच निर्देश कुंवर सिंह चौधरी, स्टोर जलपान व्यवस्था प्रदीप बुडाकोटि, धर्मगुरु चंद्र मोहन कुलाश्री, मातवर सिंह नेगी, विक्रम कुलाश्री,उढ्घोषक व पंडाल व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह रावत, सिनरी निर्देशक जसराम ढोंडियाल, राजेंद्र प्रसाद खन्करियाल, अतिथि सत्कार सुरेंद्र सिंह बिष्ट ,डॉक्टर बलवीर सिंह गुसांई, केशव पोखरियाल, सौरभ आयुष बादल दीपांशु ऋतु लखेड़ा रियाद सृष्टि गीता बिष्ट, पवित्री रावत, आशा देवी खंकरियाल, रजनी कुलश्री, हितेश रोहन नेगी ऋतिक , हरदीप, सुनील नेगी नमित रावत, अनूप, खुशी राणा, सांची भंडारी, तृप्ति, अरनव डोबरियाल, लकी, अजय, त्रिलोक सिंह रावत, आनंद सिंह रावत मेकअप, आनंद सिंह रावत कोषाध्यक्ष, विनोद जख्वाल, स्टोर गोपाल दत्त मैंदोला, बृजमोहन डंगवाल, तीरथ शर्मा, समाज सेवक उत्तम सिंह बिष्ट आदि सैकंडों लोग मौजूद रहे।

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