चुनाव में गड़बड़ी को लेकर बार-बार समिति के मुख्यालय में किसानों का हंगामा

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रुड़की/मंगलौर (देशराज पाल/राजपाल)। लिब्बरहेडी सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड के मुख्यालय मैंगलोर में आज फिर निर्वाचन अधिकारी पर चुनाव में घर मेल के आरोप लगाते हुए किसानों ने हंगामा किया। हंगामा कर रहे किसानों ने जब निर्वाचन अधिकारी से सवाल जवाब किया तो वह अपनी कुर्सी से उठकर भागते हुए नजर आए जो कैमरे में भी कैद हुए हैं। इसी से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि समिति के चुनाव में निर्वाचन अधिकारी कुछ तो जरूर घालमेल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि लिब्बरहेडी सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड मंगलौर में समिति का चुनाव चल रहे हैं। समिति के चुनाव को लेकर किसानों में बड़ा उत्साह देखने को मिला तो वही चुनाव में निर्वाचन अधिकारी बनकर आए अतुल प्रताप सिंह पर शुरू से ही चुनाव में घालमेल के आरोप को लेकर समिति मुख्यालय में किसानों द्वारा हंगामा किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। आपको बता दें कि डेलीगेट्स पद के लिए मतदान 20 जून 2025 को नेहरू राष्ट्रीय इंटर कॉलेज मंगलौर में शाम 4 बजे तक मतदान हुआ था और उसी दिन देर रात 9:00 बजे तक जीते हुए डेलिगेट्स की लिस्ट चस्पा कर दी गई थी और निर्वाचन अधिकारी अतुल प्रताप सिंह द्वारा माइक से अनाउंसमेंट किया गया था कि किसान चस्पा लिस्ट की फोटो खींचकर ले जा सकते हैं। अगले दिन यानि शनिवार को उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। लेकिन जीते हुए डेलीगेट्स गेट को ना तो अगले दिन प्रमाण पत्र दिया गया और ना ही उसके अगले दिन। इतना ही नहीं उन्हें प्रमाण पत्र ना देने का कारण कारण भी नहीं बताया गया जिसको लेकर डेलीगेट्स समिति के बार-बार चक्कर काटते रहे। यह निर्वाचन अधिकारी की लापरवाही कहे या फिर चुनाव में घालमेल का अंदेशा जताए। यह आप खुद सोच सकते हैं। आज यानि सोमवार को समिति के मुख्यालय में डेलीगेट्स का चुनाव जीत कर आए और निर्विरोध को निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। लेकिन किसानों का पारा उस समय फिर चढ़ गया जब उन्होंने समिति के बाहर एक लिस्ट चस्पा देखी जिसमें चुनाव जीत कर आए डेलीगेट्स और निर्विरोध चुने गए डेलीगेट्स व पता नहीं कहां नामित डेलिगेट्स बना दिए गये। बताया गया है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 4 से 5 नामित डेलीगेट्स बनाए गए हैं। जिसको लेकर किसानों ने फिर समिति के मुख्यालय में निर्वाचन अधिकारी से सवाल जवाब किया लेकिन उनके सवालों का जवाब देने की बजाय निर्वाचन अधिकारी कुर्सी से उठकर भागते हुए नजर आए। अब ऐसे में निर्वाचन अधिकारी पर सवाल खड़े हो क्यों ना। इससे तो नजर आ रहा है कि समिति के चुनाव में जरूर कुछ ना कुछ घालमेल तो है।