पैराशूट प्रत्याशी पति चुनावी सभा में सोते रहे विधायक विकास कार्य गिनाते रहे, गजब बेइज्जती

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रुड़की (देशराज पाल)। रामनगर में चुनावी उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान विधायक प्रदीप बत्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिना रहे थे तो उधर भाजपा का पैराशूट प्रत्याशी पति आराम से सोते हुए नजर आए। शहर के लोगों का कहना है कि जब ऐसे पैराशूट प्रत्याशी को अचानक से चुनाव मैदान में उतार दिया जाएगा तो यही हाल होगा। भाषण तो वही सुनेगा जो पार्टी का सच्चा सिपाही और कर्मठ कार्यकर्ता हो, जो पार्टी के लिए दिन-रात काम करता हो।मंच पर पैराशूट प्रत्याशी पति द्वारा सोने का यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मंगलवार देर शाम रामनगर शिव चौक के पास भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी अनीता देवी अग्रवाल के चुनावी कार्यालय उद्घाटन अवसर पर एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया था। इस चुनावी सभा के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद रहे। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जो आधुनिक दृष्टिकोण से युक्त एक प्रगतिशील और प्रबुद्ध समाज का प्रतिनिधित्व करता हो। पार्टी का लक्ष्य एक ऐसे लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना करना है, जिसमें जाति, सम्प्रदाय अथवा लिंगभेद के बिना सभी नागरिकों को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय, समान अवसर और धार्मिक विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनीता देवी अग्रवाल के पक्ष में मतदान करने की अपील की। कार्यालय उद्घाटन चुनावी सभा को भाजपा के सभी पदाधिकारी बारी-बारी से संबोधित कर रहे थे और पार्टी की नीतियों और प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे हैं विकास कार्यों का बखान कर रहे थे। विधायक बत्रा भी जब माइक पर पहुंचे और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उत्तराखंड में कराये जा रहे विकास कार्यों का बखान कर रहे थे तो इसी दौरान मंच पर अतिथियों और भाजपा पदाधिकारी के बीच में बैठे प्रत्याशी पति ललित मोहन अग्रवाल बड़े आराम से सोते हुए नजर आ रहे थे। मानो ऐसा लग रहा था जैसे की उन्हें किसी का कोई भाषण नहीं सुनना उन्हें तो केवल सोना है और सिर्फ अपनी पत्नी को मेयर की कुर्सी पर बैठना है बाकी सब भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी करते रहे। भरे मंच पर सोने का यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों की जुबान पर भी केवल और केवल एक ही बात सुनी गई कि जब निष्ठावान कार्यकर्ताओं को छोड़कर पैराशूट प्रत्याशियों को अचानक से चुनाव मैदान में उतार दिया जाएगा तो फिर यही हाल होगा। सोने के इस मामले से पूरे शहर में भाजपाइयों की तो किरकिरी हुई ही है वहीं कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि के सम्मान को भी कहीं ना कहीं क्या ठेस नहीं पहुंची होगी।