February 10, 2025

जन आक्रोश रैली निकाल बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को बचाने की लगाई गुहार

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ऋषिकेश (देशराज पाल)।  बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर मंगलवार को तीर्थनगरी में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने विभिन्न जगहों पर जन आक्रोश रैली निकाल कर नारेबाजी की। उन्होंने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को बचाने की गुहार लगाई है। मंगलवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के मैदान में संत समाज, हिंदू संगठन सहित आम नागरिक एकत्रित हुए। उसके बाद उन्होंने कॉलेज परिसर से आंबेडकर चौक, रेलवे मार्ग, घाट चौक, घाट रोड होते हुए त्रिवेणी घाट तक आक्रोश रैली निकाली। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। वहां हिंदुओं के अलावा बौद्ध, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के अत्याचारों का शिकार हो रहे हैं। अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं, जहां 59 प्रतिशत हिंसा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाती है, और 69 मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों पर अनुष्ठानों के दौरान हमले किए गए हैं। कट्टरपंथियों ‌द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन धर्मांतरण, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित जीवन से वंचित किया जा रहा है। साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों का व्यवस्थित विनाश जारी है। यह स्थिति बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 27, 28, 31, 41 और 42 का उल्लंघन है, जो कानून के समक्ष समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकार की गारंटी देता है। इसके अलावा, यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों जैसे सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र यूडीएचआर 1948 और अंतरराष्ट्रीय नागरिक व राजनीतिक अधिकार संधि आईसीसीपीआर 1966 का भी गंभीर हनन है। प्राचीन हनुमान मंदिर मायाकुंड के महंत डॉ. रामेश्वर दास ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिंदू समुदाय के लोगों पर कहर ढाया है, जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्हेंने भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने, संयुक्त राष्ट्र द्वारा बांग्लादेश हिंदू हिंसा मामले में स्वतंत्र जांच आयोग का गठन करने, अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने, पीड़ित हिन्दुओं को पुनर्वास और उचित मुआवजा देने, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों हिंदू, बौद्ध, ईसाई, और अन्य समुदायों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
मौके पर महंत ईश्वरदास, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, स्वामी सर्वात्मानंद सरस्वती, श्याम सुंदर दास, करूणा शरण, महंत छोटन दास, भारत भूषण दास, परमानंद दास, हरिशरण दास, गोविंद दास, राजेश भट्ट, नरेंद्र शर्मा, रमेश भट्ट, रणजीत कुमार, गणेश सिंह रावत, राजेश जुगलान, महिपाल सिंह, हेमंत कुमार, अरूण कुमार, डा. हर्षानंद उनियाल, विजय बडोनी, वीरेंद्र कंसवाल, राजेश बडोला, अनिल गुप्ता, परम सिंह, डा. राम शरण, मनमोहन त्यागी, देवेंद्र प्रसाद डिमरी, जगत पाल, नरेश शर्मा, मनोज राणा, चिराग गर्ग, संदीप मल्होत्रा, राजेश कुमार, रमेश गिरी, धमेंद्र शाह, अशोक पंडित, कृष्णा राजभर, अनुज सैनी आदि उपस्थित रहे।

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