February 10, 2025

आईआईटी रुड़की और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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रुड़की (देशराज पाल)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी रुड़की) ने सौर ऊर्जा अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी अक्षय ऊर्जा और सतत विकास की दिशा में भारत की राष्ट्रीय पहल को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

यह समझौता ज्ञापन अकादमिक सहयोग और संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच सहयोग के लिए एक रूपरेखा की रूपरेखा तैयार करता है। प्रमुख क्षेत्रों में विद्वानों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान, सहयोगी व्याख्यान एवं सम्मेलन, डेटा व शोध सामग्री का आदान-प्रदान, और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का विकास शामिल है जो दोनों संस्थानों और राष्ट्र को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेंगे। यह साझेदारी 2030 तक अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेता बनने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है। आईआईटी रुड़की और एनआईएसई के बीच सहयोग राष्ट्रीय सौर मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्य योजना का एक प्रमुख घटक है। दोनों संस्थानों की संयुक्त विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाकर, साझेदारी का उद्देश्य उन्नत सौर प्रौद्योगिकियों के विकास एवं प्रदर्शन में तेजी लाना है, जिससे देश के स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव को बढ़ावा मिलेगा। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा कि एनआईएसई के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देने की दिशा में आईआईटी रुड़की की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एनआईएसई के महानिदेशक डॉ. मोहम्मद रिहान ने कहा कि इंजीनियरिंग शिक्षा एवं अनुसंधान में अग्रणी आईआईटी रुड़की के साथ साझेदारी करके हमें खुशी हो रही है। यह सहयोग हमें अभूतपूर्व परियोजनाओं पर मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगा, जिससे न केवल हमारे संस्थानों को लाभ होगा, बल्कि देश भर में सौर ऊर्जा को अपनाने के राष्ट्रीय एजेंडे को भी समर्थन मिलेगा।

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