भेष बदलकर रावण ने किया सीता का हरण

रुड़की (देशराज पाल)। आदर्श शिवाजी नगर रामलीला समिति रुड़की के तत्वाधान में नियर विश्वनाथ मंदिर आदर्श शिवाजी नगर में चल रही प्रभु श्री राम की लीला के सप्तम दिवस पर पूर्व सैनिक राजेंद्र सिंह पवार, समाजसेवी जगमोहन सिंह रावत, महिताब सिंह रावत दुबई वाले, बालम सिंह नेगी, जय सिंह नेगी, बच्ची राम कण्डलिया, केसर सिंह बिष्ट, रोशन सिंह रावत, उमेद सिंह बिष्ट, पुरनचन्द़ डोबरियाल, महिला कीर्तन मंडली बी ब्लॉक माहेश्वरी पुंडीर, कीर्तन मंडली इ ब्लॉक शिवाजी कॉलोनी, अजय पुंडीर मेडिकल स्टोर, कीर्तन मंडली बिना कण्डारी न्यू भारत कॉलोनी, पूर्व प्रधान पति यशपाल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर लीला का शुभारंभ किया। सातवें दिवस की रामलीला के रोमचक रामलीला में (लक्ष्मण सिंह बिष्ट रावण) रावण मामा मारीच को मृग का वेश बनाकर पंचवटी भेजते हैं। मृग छाला की जिद सीताराम से करती है। राम मृग का पीछा करते दूर चले जाते हैं। हे लक्ष्मण हाय लक्ष्मण की आवाज सीता व लक्ष्मण के कानों में पढ़ती है। सीता लक्ष्मण को भाई की विपदा में सहायता करने का आदेश देती है। लक्ष्मण एक रेखा खींचकर माता सीता से उसे रेखा को पार न करने की बात कहते हैं और अपने भाता की मदद हेतु जंगल की तरफ दौड़ पढ़ते हैं। समय पाकर रावण भेष बदलकर पंचवटी में आता है और भिक्षा के बहाने सीता का हरण कर देता है। रास्ते में पक्षीराज जटायु सीता माता को बचाने का असफल प्रयास करता करता है और घायल हो जाता है जब राम लक्ष्मण सीता की खोज में निकलते हैं तो जटायु उनसे रावण के द्वारा सीता के हरण की बात बताता है और प्रभु राम से मुक्ति का मार्ग मांगता है। अंत सीता की खोज करते हुए राम लक्ष्मण सबरी की कुटिया में पहुंचते हैं। सबरी उन्हें जुठे बेर खिलाती है और कहती है कि किस्कन्धा पर्वत पर सुग्रीव अपने भाई बाली से तंग आकर रह रहा है। उधर सुधीर वन में विवेचलते राम लक्ष्मण का बेहद लेने हनुमान को भेजते हैं। हनुमान को जब प्रभु राम के बारे में पता चलता है तो उनके परम भक्त बन जाते हैं और सुग्रीव की कथा सुना कर उनसे मित्रता करते हैं और इसी के साथ लीला का पटाक्षेप हो जाता है। इस अवसर पर संतोषी राणा, गायत्री बुमला, विशम्बरी देवी, रामेश्वरी पवार, शाकुम्बरी चौहान, अदिति गोसाई, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, अनूप, रोहित रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी, जितेंद्र जखमोला, सतीश नेगी, राजेंद्र सिंह रावत, सतीश कुकरेती, बलवंत सिंह भंडारी, धर्मानंद भट्ट, रविंद्र सिंह पवार, दिनेश सिंह चौधरी, उमराव सिंह पटवाल, रणजीत सिंह रावत, जयवीर सिंह रावत, विजय सिंह पवार, राजेंद्र सिंह रावत, योगम्बर सिंह रौथान, श्याम सिंह पंवार ,जय सिंह नेगी, रामचरण सिंह बिष्ट, आनंद सिंह वर्तवाल, कुंदन सिंह नेगी, महावीर प्रसाद डोभाल, अनसूया प्रसाद जोशी, बच्ची राम कुण्डलिया, सुरेंद्र सिंह नेगी, पारेश्वर प्रसाद लखेड़ा, दरवान सिंह बुटोला, भगत सिंह रावत, बालम सिंह नेगी, विनीत भारद्वाज, सत्येंद्र सिंह नेगी, शिवचरण बिंजोला, पुष्कर सिंह तोमर, गौर सिंह भंडारी, ज्ञान सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह पवार, जगमोहन सिंह रावत, सुनील नेगी, गणेश खंडूरी, उमा रावत, सरिता बिष्ट, रिया बिष्ट, हर्षिता बिष्ट, लब्बी रावत, अंजलि रावत, पायल, सुप्रिया मेहरा, सौरभ पवार, आयुष, अदिति गोसाई, अंशु, अभिनव बंगारी, दिव्यांशु थपलियाल, रितिक नेगी, शुभम लखेड़ा, बादल लखेड़ा, रितु लखेड़ा, पंचम सिंह बिष्ट आदि राम भक्त उपस्थित थे।