राम वन गमन का दृश्य देख दर्शक हुए भावुक, आंखें हुई नम

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रुड़की (देशराज पाल)। देवभूमि श्रीराम धार्मिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट रजिस्टर्ड रुड़की के तत्वाधान में अशोकनगर नगर पंचायत ढंडेरा में चल रही पर्वतीय लीला के पांचवें दिवस की लीला का श्री राधे कीर्तन मंडली अशोक नगर तथा डी ब्लॉक शिवाजी कॉलोनी कीर्ति मंडली ने फीता काटकर शुभारंभ किया।
कौशल्या भवन में राम माता से पिता के द्वारा दी गई आज्ञा के अनुसार वन जाने की बात कहते हैं जिसे सुनकर कौशल्या (ऋतु लखेड़ा) विचलित हो जाती है। कौशल्या बड़े ही मार्मिक और भावुक गीतों से दर्शकों की आंखें नम कर देती है। बनवास में जाते समय राम लक्ष्मण और सीता, “सब मिलजुल कर रहना” “हम बन को जाते हैं” गीत ने दर्शकों के दिल को और अधिक भावुक कर दिया। लीला में दशरथ मरण का दृश्य भी बड़ा ही पीड़ा दायक क्षण का अनुभव करा रहा था। केवट राम के पैर धोकर ‘ नमो गंगे तरंगे रासबिहारी। सदा जय हो सदा जय हो तुम्हारी।।’ सुंदर गीत गाकर प्रभु श्री राम को नदी पार करवाते हैं। सुमंत (विनोद जख्वाल) अवध में क्या मुख ले जाऊं गीत गाते हुए व्याकुल मन से वापस लौटते हैं। भारत और शत्रुघ्न को नौनिहाल से बुलाया जाता है और इसी के साथ लीला पटाक्षेप हो जाता है। इस अवसर पर अर्जुन सिंह तड़ियाल, राजेंद्र सिंह रावत, दिगंबर सिंह नेगी, विनोद जखवाल, सुदर्शन डोबरियल, विक्रम कुलाश्री, बलवीर सिंह रावत, सतीश नेगी, हेमंत बड़थ्वाल, जगदीश नेगी, कुंवर सिंह चौधरी, धर्मगुरु चंद्र मोहन कुलाश्री, राजेंद्र प्रसाद खंकरियाल, प्रदीप बुडाकोटि, गोपाल दत्त मैंदोला, आनंद सिंह रावत, त्रिलोक सिंह रावत, मतवर सिंह नेगी, जसराम ढ़ोडियाल, पवित्री रावत,सुनीता कुमाई, गीता बिष्ट, रजनी कुलाश्री, शोभा खंतवाल, आशा देवी, रितु लखेड़ा, रिया बिष्ट, सौरभ, बादल, दिव्यांशु, बादल, मनीषा, सृष्टि,सुनील कुलाश्री, केशव पोखरियाल, हितेश नेगी, रोहन नेगी, ऋतिक, हरदीप, नमित रावत, अनूप, खुशी राणा, सांची भंडारी, तृप्ति, अरनब डोबरियाल, लक्की, सुरजीत सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, बृजमोहन डगवाल आदि राम भक्त उपस्थित थे।