चार धाम यात्रा चल रही और एनएच 58 के अधिकारी सो रहे कुंभकर्णी नींद

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रुड़की/मंगलौर (देशराज पाल/राजपाल) उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने चरम सीमा पर है और राष्ट्रीय राजमार्ग 58 के अधिकारी शायद अभी तक कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। जी हां ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है। मंगलौर स्थित एनएच 58 गंग नहर के ऊपर बना पुल पर गहरा गड्ढा हो रखा है इतना ही नहीं पुल की रेलिंग भी लगभग 25 फुट टूटी हुई ही नहीं बल्कि साफ हो रखी है लेकिन शायद एनएच 58 के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में है।
गौरतलब है कि मंगलौर गंग नहर पुल की रेलिंग पिछले लगभग तीन माह से 25 फीट तक टूटी ही नहीं बल्कि साफ हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी आज तक राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों की नजर इस ओर नहीं पड पाई है। इतना ही नहीं पुल पर गहरा गड्ढा भी बना हुआ है जिसको एक प्लास्टिक के बैग में मिट्टी भरकर बंद किया हुआ है। पुल पर रेलिंग ना होने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। चार धाम यात्रा अपने चरण सीमा पर है और भारी मात्रा में दूर-दराज से यात्री यात्रा करने के लिए चार धाम जा रहे हैं। यदि पुल पर रेलिंग या गड्ढे की चपेट में आने से कोई हादसा होता है तो आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन होगा। यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। आपको बता दे की लगभग 1 साल पूर्व इसी पुल पर एक कार सवार दंपत्ति और उसके दो बच्चे नहर में गिर गए थे। गनीमत यह रही थी कि उन सभी को समय रहते सकुशल बाहर निकाल लिया गया था और बाद में गाड़ी को क्रेन की मदद से बाहर निकाल गया था। पुल पर रेलिंग ना होने के चलते खतरा बना हुआ है। पुल पर रेलिंग और गड्ढा बना हुआ है लेकिन आज तक राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से इस बाबत फोन कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क ना हो पाने के चलते इस मामले में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करता है या नहीं या प्रशासन के अधिकारी भी राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों की तरह ही कुंभकर्णी नींद सोए रहेंगे या फिर राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई करते हैं यह तो आने वाला कल ही बता पाएगा।