पहलगाम आतंकी हमले का भारत ने लिया बदला, पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बरसाई मिसाइल

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रुड़की (देशराज पाल)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाते हुए एक बार फिर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। जी हां भारत की सेना ने पाकिस्तान की सीमा में उस समय घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया जब वह आधी रात को चैन की नींद सो रहे थे। पहलगाम का बदला ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर लिया गया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने पाकिस्तान से बदला ले लिया है। भारत ने मंगलवार की देर रात्रि ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान के टेरर कैंपों को तबाह कर दिया गया। भारत ने इस एयर स्ट्राइक में जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के 9 ठिकानों को निशाना बनाया। जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 5 ठिकानों और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 4 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इस हमले में खास तौर से जैश के मुख्यालय को निशाना बनाया गया। यह मुख्यालय लगभग 200 एकड़ जमीन में फैला हुआ था। भारत के इस एयर स्ट्राइक में यह मुख्यालय पूरा ध्वस्त हो गया। वहीं लश्कर को भी भारी नुकसान होने की जानकारी सामने आई है। ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर के कई टॉप आतंकी मारे जाने की खबर आई है।
*इन ठिकानों पर हमले कर किए गए तबाह*
*बहावलपुर (पाकिस्तान)*
यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी अंदर है. मसूद अजहर यहीं से संगठन को संचालित करता है. यहीं से भारत के खिलाफ आतंकियों की ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक ऑपरेशन चलाए जाते हैं.
*मुरीदके (पंजाब, पाकिस्तान)*
भारत की सीमा से महज 30 किमी की दूरी पर स्थित यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय है. 26/11 मुंबई हमले के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित होकर भारत आए थे. यह स्थान आज भी लश्कर के लिए एक मुख्य रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग सेंटर है.
*गुलपुर (PoJK, पुंछ-राजौरी के पास)*
यह इलाका 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में हुए आर्मी काफिले पर हमले और 24 जून 2024 को तीर्थयात्रियों की बस पर हमले से जुड़ा रहा है. गुलपुर जैश और लश्कर के संयुक्त लॉजिस्टिक और लॉन्चपैड के रूप में कार्य करता है.
*सवाई कैंप (PoJK, तंगधार सेक्टर)*
यह गुलमर्ग और सोनमर्ग में 2024 के आतंकी हमलों और 2025 के पहल्गाम हमले की जड़ों से जुड़ा है. यह लश्कर का हाई-एंड ट्रेनिंग कैंप है, जहां स्नो वारफेयर, घुसपैठ और आईईडी फेब्रिकेशन की ट्रेनिंग दी जाती है.
*बिलाल कैंप*
यह जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड है, जहां आतंकी अंतिम स्तर की तैयारी के बाद भारत में भेजे जाते हैं. यह पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना की निगरानी में चलता है.
*कोटली कैंप (PoJK)*
राजौरी के सामने स्थित यह लश्कर का बम एक्सपर्ट ट्रेनिंग सेंटर है, जिसकी क्षमता 50 आतंकियों की है. यहां आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग दी जाती है.
*बरनाला कैंप*
राजौरी के सामने LOC से महज 10 किमी की दूरी पर स्थित इस कैंप को ‘फॉरवर्ड लॉन्चपैड’ के तौर पर जाना जाता है, जहां से घुसपैठ की गतिविधियां संचालित होती हैं.
*सरजाल कैंप*
यह जैश का एक और अहम कैंप है जो सांबा-कठुआ सेक्टर के सामने स्थित है. भारत में कई हमलों की साजिशों की शुरुआत इसी कैंप से हुई.
*महमूना कैंप (सियालकोट के पास)*
यह हिजबुल मुजाहिदीन का ट्रेनिंग कैंप है, जो सीमा से 15 किमी दूर स्थित है. यहां घाटी में ऑपरेट करने वाले आतंकी तैयार किए जाते हैं।