March 25, 2025

सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु पुस्तकालय में AI की भूमिका

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रुड़की/लंढौरा (देशराज पाल)। चमन लाल महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु पुस्तकालय में AI की भूमिका का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा एवं सचिव अरुण हरित ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. के.पी सिंह पुस्तकालय अध्यक्ष, आईआई .एल एम यूनिवर्सिटी गुरुग्राम उपस्थित रहे जिन्होंने अपने संबोधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता जो वास्तविक नहीं है उसके विषय में प्रकाश डालते हुए उसका गुणवत्तापूर्ण कैसे हम उसे उपयोग में ला सकते हैं आदि विषयों पर चर्चा की तथा मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. इंद्रजीत सिंह मान ने अपने संबोधन में कहा कि हम विकास तो कर रहे हैं लेकिन छात्र-छात्राओं को कैसे पहुंचना है यह अभी हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है। आज के समय में हमारे हाथ में बहुत सी सूचनाओं हैं लेकिन हम यह नहीं पता कर पा रहे हैं कि इसका क्या उपयोग है कहां पर इसका उपयोग करना उचित रहेगा केवल गूगल के माध्यम से जानकारी एकत्रित करने में लगे हैं वह एक जानकारी एकत्रित करने का स्रोत है। जब तक हम पुस्तकों का अध्ययन नहीं करेंगे जब तक हम पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकों के विषय में जानकारी हासिल नहीं करेंगे तब तक हम आज के इस तकनीकी भरे युग में स्वयं को सुरक्षित नहीं रख सकते। इसी श्रृंखला में डॉ. संध्या रानी पुस्तकालय अध्यक्ष एस.डी पी.जी कॉलेज, पानीपत, हरियाणा से उपस्थित रही जिन्होंने AI को अपनी दैनिक जरूरत के लिए भी उपयोग कर रहे विषयों पर चर्चा की पुस्तकालय में कई सर्विसेज होती है इसमें कई जगह पर AI को उपयोग किया जाने लगा है। AI के माध्यम से लाइब्रेरी को अपडेट किया जा रहा है इसमें काफी समस्याएं और चुनौतियां भी आ रही है। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने किताबों की महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब इंसान किताबों को हाथ नहीं लगता तो उन्हें दीमक खा जाती है किताबों को साथ रखिए। टेक्नोलॉजी किताबों की जगह नहीं ले सकती आज का छात्र काफी स्मार्ट है। AI को कंट्रोल करने की तकनीक की जरूरत है। AI से आप काफी अच्छा लिखवा सकते हैं l किंतु वह साहित्यिक चोरी कर रहा है l AI हमारे सोचने की क्षमता को नष्ट कर रही है यह हमारे लिए बहुत बड़ा खतरा है। संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में जयेश कुमार, शिखा, अनिका राणl एवं दीप्ति पाराशर ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किया। संगोष्ठी समन्वयक डॉ. कुलदीप कुमार एवं डॉ.पुनीता शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन डॉ. निशु कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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