विधवा ने गृहमंत्री भारत सरकार, डीजीपी, मुख्यमंत्री, एसएसपी हरिद्वार को प्रार्थना पत्र भेज लगाई इंसाफ की गुहार

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रुड़की/मंगलौर (देशराज पाल)। मंडावली निवासी एक पीड़िता ने अपने ससुराल पर उत्पीड़न करने और मारपीट कर घर से बच्चों सहित निकालने का आरोप लगाते हुए एक प्रार्थना पत्र एसएसपी हरिद्वार को भेज कर मामले में जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। इतना ही नहीं पीड़िता ने गृहमंत्री भारत सरकार, डीजीपी उत्तराखंड और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता ने मामले में इंसाफ की गुहार लगाते हुए अपनी व अपने बच्चों की ससुराल पक्ष से जान का खतरा बताया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलौर कोतवाली क्षेत्र ग्राम निवासी मेघा पत्नी स्वर्गीय प्रशांत सहरावत ने गृहमंत्री भारत सरकार, डीजीपी उत्तराखंड, मुख्यमंत्री पोर्टल और एसएसपी हरिद्वार को भेज प्रार्थना पत्र में बताया कि उसकी शादी वर्ष 2014 में प्रशांत सहरावत के साथ हुई थी। शादी में घर वालों ने अपनी हैसियत से बढ़-चढ़कर काफी सोने चांदी के जेवर, कपड़ा, बर्तन अन्य सभी घरेलू सामान ससुर रामकुमार, जेठ निशांत के सुपुर्द किया था तथा इन लोगों को तीन लाख नगद दिए थे और इस प्रकार शादी में लगभग 15 लख रुपए खर्च हुए थे। शादी के बाद से ससुर रामकुमार, जेठ निशांत, जेठानी गरिमा, ननद मोना व नंनदोई रोहित दहेज के लिए तंग व परेशान करने लगे थे। यदि मेरे पति इसका विरोध करते तो यह मेरे पति के साथ भी गाली-गलौज और मारपीट करते थे। विवाहित का आरोप है कि 7 अप्रैल 2023 को निशांत व रोहित मेरे पति को बुलाकर ले गए थे। बाद में इन लोगों ने बताया था कि उसका एक्सीडेंट हो गया और 12 अप्रैल 2023 को मेरे पति की मृत्यु हो गई थी। उससे कुछ दिन पहले मेरे पति का निशांत और रोहित के साथ झगड़ा हुआ था और निशांत ने मेरे पति की पिटाई भी की थी। अपने पति की मौत में भी इन दोनों के ऊपर मुझे शक है। विवाहिता ने बताया निशांत, रोहित, गरिमा, मोना के साथ मिलकर शुरू से ही दादइलाही जमीन जायदाद को यह लोग हड़पने की कोशिश में हैं। मेरे दो बच्चे हैं जो अभी छोटे हैं। पति की मौत के बाद से उसका ससुर, जेठ, जेठानी, ननद उसे लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं। आए दिन घर से पैसे लाने का दबाव बनाते रहते हैं और न लाने पर मारपीट कर प्रताड़ित करते हैं। इतना ही नहीं मुझे और मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकी भी इनके द्वारा दी जा रही है। विवाहिता ने बताया कि मेरे पति के बाबाजी की तेरहवीं थी उसमें मेरी ननद व ननदोई आए हुए थे। सब मेहमानों के चले जाने के बाद मेरी ननंद और जेठानी ने कहा तेरे भाई ने रस्म पगड़ी में कुछ भी नहीं दिया और तुझे लेकर भी नहीं गया कहते हुए गंदी-गंदी गलियां देनी शुरू कर दी और बेइज्जत करने लगे। विरोध करने पर मेरे साथ थप्पड़ लात घुसो से मारपीट की गई जिसे मैं अपने बच्चों के भविष्य के लिए सहन करती आ रही थी। पीड़िता का आरोप है कि 18 सितंबर 2024 को उसका जेठ निशांत, जेठानी गरिमा, नंदोई रोहित घर पर आए और इन लोगों ने मेरे पति की मोटरसाइकिल जो कि उनकी आखिरी निशानी थी बेचने की बात करने लगे जब मैंने इसका विरोध किया तो उन्होंने मेरे साथ गाली गलौज करते हुए लोहे की रोड और लाठी डंडों से मुझ पर हमला कर दिया। मैं किसी तरह इनके चंगुल से छूटकर 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर अपनी आप बीती बताई। जानकारी लगने पर मेरा भाई भी आ गया और मुझे लेकर मंगलौर कोतवाली पहुंचा जहां पर मेडिकल करा कर अपने ससुराल वालों के खिलाफ तहरीर पुलिस को दी लेकिन मंगलौर कोतवाली में ससुराल पक्ष का एक दरोगा रिश्तेदार होने के चलते हमारी तहरीर दर्ज नहीं की गई जबकि मेरे ससुराल पक्ष के कहने पर मेरे भाई वह अन्य परिवार के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। ससुराल पक्ष के दरोगा ने मेरे भाइयों को हवालात में डालकर उन्हें प्रताड़ित किया और मुझे भी धमकियां दी की या तो फैसला कर ले वरना तेरी और तेरे भाइयों की ऐसी हालत करुंगा कि जिंदगी भर याद रखोगे। पीड़िता ने मामले में जांच कर दरोगा सहित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की गुहार भेजे गए प्रार्थना पत्र में लगाई है।