February 7, 2025

राम ने किया बाली का वध, सीता की खोज में हनुमान पहुंचे अशोक वाटिका

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रुड़की (देशराज पाल)। आदर्श शिवाजी नगर नियर विश्वनाथ मंदिर में चल रही रामलीला के आठवें दिन लीला का शुभारंभ पूर्व मंत्री एवं चार बार के विधायक रहे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने फीता काटकर किया। राम के आदर्शों पर चलने के लिए जनता को प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथियों के रूप में शिवचरण बिंजोला पूर्व कॉलोनी अध्यक्ष, खुशाल सिंह गोसाई, सोहन सिंह नेगी, समाजसेवी रविंद्र सिंह पवार, शिव शंकर सिंह नेगी, श्रीमती राजेश्वरी देवी, विक्रम सिंह बिष्ट, गंगा एनक्लेव अध्यक्ष कॉलोनी हिम्मत सिंह राणा महिला अध्यक्ष गीता नेगी ने भी रिब्बन काटकर कार्यक्रम की शुरुआत करवाई।
आठवें दिन की लीला में सुग्रीव और बाली का भयंकर युद्ध होता है। लेकिन राम दोनों भाइयों में समानता होने के कारण पहचान नहीं पाते और सुग्रीव को माला पहनाकर पुनः युद्ध के लिए भेजते हैं। राम छुपकर बाली को घायल कर देते हैं। राम बाली से कहते हैं अगर तुम जीवन चाहते हो तो मैं तुम्हें जीवन दान दे सकता हूं। परंतु यह तुम्हारे कर्मों का फल है। भाई की स्त्री को हरना महा पाप है। बली राम से मोक्ष मांगते हैं। और अपने प्राण त्याग देते हैं। सुग्रीव का राज्याभिषेक होता है।राज्याभिषेक की बाद काफी समय तक सुग्रीव की सेना का राम के पास नहीं जाती है, उधर राम लक्ष्मण को यह बात अच्छी नहीं लगती है। वे सीता की खोज के लिए बेचैन रहते हैं। लक्ष्मण सुग्रीव की पास जाकर उसको, उसके वचन याद दिलाते हैं।
और सीता माता की खोज के लिए हनुमान को लंका में भेजने की तैयारी करते हैं। राम अंगूठी देकर हनुमान से सीता को अपना परिचय देने के लिए कहते हैं, हनुमान पवन वेग से श्रीलंका में प्रवेश करते हैं और अशोक वाटिका में पहुंचते ही वे राक्षसों का वध करते हैं, और सीता माता को प्रणाम करते हुए राम भक्त के रूप में अपना परिचय देते हैं।सीता माता अंगूठी के दर्शन करती हैं तो भाव विभोर हो जाती है और हनुमान से कहती हैं यदि स्वामी मुझे जल्दी ही यहां से मुक्ति नहीं दिलाएंगे तो मैं अपने प्राण त्याग दूंगी। हनुमान भरोसा दिलाते हैं राम जल्दी ही उन्हें वापस ले जाएंगे। और इसी के साथ आठवें दिन की लीला का पटाक्षेप हो जाता है। मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ समाज सेवी सतीश नेगी ने बताया कि 28 तारीख सोमवार को रथ यात्रा राजतिलक के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। प्रातः काल क्षेत्र के सभी मंदिरों से भ्रमण करती हुई शोभायात्रा पंडाल में पहुंचकर प्रभु का राज्याभिषेक किया जाएगा। रामलीला पदाधिकारी में अध्यक्ष गौर सिंह भंडारी, संयोजक पुष्कर सिंह तोमर , लक्ष्मण सिंह बिष्ट, रणजीत सिंह रावत व्यवस्थापक, उमराव सिंह पटवार एडम, जयवीर सिंह रावत व्यवस्थापक, शिवचरण बिंजोला निर्देशक, संगीत निर्देशक सत्येंद्र सिंह नेगी, बालम सिंह नेगी संरक्षख, भगत सिंह रावत उपाध्यक्ष, दरवान सिंह बुटोला उप संयोजक, रोहित रावत उप निदेशक, पारेश्वर प्रसाद लखेड़ा प्रवक्ता, सुरेंद्र सिंह नेगी प्रवक्ता, बच्चीराम कुण्डलिया लेखा जोखा, अनसूया प्रसाद जोशी लेखा जोखा, महावीर प्रसाद डोभाल श्रृंगार, कुंदन सिंह नेगी स्टोर एवं श्रृंगार, आनंद सिंह वर्तवाल स्टोर, श्याम सिंह पवार, जय सिंह नेगी, जितेंद्र ज़ख्मोला, राजेंद्र सिंह रावत, धर्मानंद भट्ट, सतीश कुकरेती, रामचरण सिंह बिष्ट, योगम्बर सिंह रौथान, दिनेश सिंह चौधरी, बलवंत सिंह भंडारी, शाकुम्बरी चौहान, जगमोहन सिंह रावत, ज्ञान सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह पवार, संतोषी राणा, रामेश्वरी पवार, गायत्री बुमला, विशम्बरी देवी ,उमा रावत, सरिता बिष्ट, बादल लखेड़ा, शुभम लखेड़ा रितिक नेगी, दिव्यांशु थपलियाल, अभिनव बंगारी, अंशु, अदिती गोसाई, सौरभ पवार, आयुष, हर्षिता बिष्ट, रिया बिष्ट, लब्बी रावत, अंजलि रावत, पायल, सुप्रिया मेहरा, अनूप आदि राम भक्त उपस्थित रहे।

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