April 25, 2025

सब्सिडी एवं कम ब्याज दर पर लोन की सुविधा के बारे में किया जागरूक

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रुड़की/लंढौरा (देशराज पाल)। चमन लाल महाविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला विषय कृषि उद्यमिता: अवसर और चुनौतियां के प्रथम दिन के प्रशिक्षण हेतु छात्र-छात्राओं को प्लांटीका फाऊंडेशन देहरादून के लिए रवाना किया। महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा एवं सचिव अरुण हरित ने हरी झंडी देकर रवाना किया।

प्लांटीका फाउंडेशन IRDA में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.अनूप बडोनी ने समस्त छात्राओं को मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन एवं अन्य घरेलू उद्योग तथा प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई स्वरोजगार योजनाओं के विषयों से अवगत कराया तथा उनसे प्राप्त सब्सिडी एवं कम ब्याज दर पर लोन की सुविधाओं से भी अवगत कराया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन भी सभी छात्राओं को प्रयोगात्मक रूप से मशरूम उत्पादन के विषयों से भी अवगत कराया जाएगा। इसके प्रति उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता जताई। दूसरे वक्ता के रूप में विनय चमोली ने छात्र-छात्राओं को कंपोस्ट, मशरूम उत्पादन में होने वाले यंत्रों एवं कार्बनिक खाद तथा केसर संबंधी तापमान के विषयों से अवगत कराया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को फील्ड का भ्रमण कराया वहां पर आवश्यक सामग्रियों के विषय में जानकारी दी किस प्रकार हम कार्बनिक खाद का उत्पादन करते हैं। हमारे घर पर प्रतिदिन वेस्टज फूड मटेरियल होता है जिसे हम एक पात्र में एकत्रित कर उसकी कंपोस्ट बना सकते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हरिद्वार एजुकेशनल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस एवं कन्हैया लाल के एल डिग्री कॉलेज के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। लगभग 50 से अधिक छात्र छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा साथ आए हुए प्रवक्ता नीलम एवं कुमार प्रीत ने इस प्रशिक्षण कार्य की सराहना की। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. ऋचा चौहान एवं डॉ.तरुण गुप्ता ने अंत में सभी छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जो कुछ ज्ञान अर्जन किया उसको अपने जीवन में उपयुक्त बनाने के लिए आवाहन किया। सभी छात्र-छात्राओं की महाविद्यालय की ओर से भोजन व्यवस्था भी की गई। प्रशिक्षण के उपरांत महाविद्यालय पहुंचने पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने सभी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की तथा संबोधित करते हुए कहा आगामी दो दिनों में छात्र-छात्राओं को विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि छात्र-छात्राएं आत्मनिर्भर बन सके और राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सके।

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